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Shyam Teri Bansi Pukare Radha Naam (Hindi)

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  श्याम तेरी बंसी.. पुकारे राधा नाम.. श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम सांवरे की बंसी को बजने से काम सांवरे की बंसी को बजने से काम राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ओ.. जमुना की लहरे बंसीबट की छैया किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया जमुना की लहरे बंसीबट की छैया किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया श्याम का दीवाना तो सारा ब्रिज धाम श्याम का दीवाना तो सारा ब्रिज धाम लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम सांवरे की बंसी को बजने से काम सांवरे की बंसी को बजने से काम राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ओ.. कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाए जिसके मन भाए ये उसी के गुण गाए कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाए जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाए कौन नहीं कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम राधा का भी श्याम हो तो मीरा का भी श्याम श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम श्याम तेरी बंसी कन्हैया तेरी बंसी पुक

Nand ke Aanand Bhayo Jai Kaniya Lal ki (Hindi)

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  नन्द के आनंद भयो जय कन्हिया लाल की आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की॥ जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की। गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की॥ आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की॥ आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की॥ गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की। गोकुल

Aarti Kunj Bihari Ji ki (Hindi)

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  आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली;भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक;ललित छवि श्यामा प्यारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की... कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं । गगन सों सुमन रासि बरसै;बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;अतुल रति गोप कुमारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की... जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा । स्मरन ते होत मोह भंगा;बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;चरन छवि श्रीबनवारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की... चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू । चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;टेर सुन दीन भिखारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की